नमस्कार दोस्तों शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले हमें यह जानना होगा कि हम जब भी किसी कंपनी के शेर को खरीदना चाहते हैं तो हम शेयर मार्केट में किन-किन तरीकों के माध्यम से या किन तरीकों के अंतर्गत शेर को खरीद सकते हैं और हमें किस समय अवधि के शेर को खरीदना चाहिए ताकि हमें अधिक बेनिफिट मिल सके ।
दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं शेयर मार्केट के अंदर इन्वेस्टमेंट करने के दो मुख्य तरीकों के बारे में जो की है लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट और दूसरा शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट ।
दोस्तों लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट और शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट क्या होता है तथा किस टाइम पीरियड के इन्वेस्टमेंट में आपको अधिक फायदा और नुकसान हो सकता है इसके बारे में भी विस्तार से आज के इस आर्टिकल में चर्चा करेंगे तो चलिए दोस्तों आज किस आर्टिकल को शुरू करते हैं ।
शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के दो मुख्य तरीके
जैसा कि दोस्तों हमने आपको बताया कि शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के दो मुख्य तरीके है पहला लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट और दूसरा शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट ।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट एक ऐसी अवधि के लिए किया जाता है जो आमतौर पर 5 साल या उससे अधिक होती है, इसके विपरीत शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट एक ऐसी अवधि के लिए किया जाता है जो आमतौर पर 3 साल से कम होती है।
शेयर मार्केट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदे
दोस्तों दोनों तरीकों के बारे में जानने के बाद हम जान लेते हैं कि शेयर मार्केट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने से कौन-कौन से फायदे मिलते हैं तथा इससे क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में।
अधिक रिटर्न मिल सकते है :-
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने से आपको शेयर मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ावों से बचने में मदद मिलती है। तथा साथ ही साथ हम मार्केट को आसानी से समझ भी सकते हैं तथा उचित डिसीजन भी ले सकते हैं इससे आपको लंबे समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है।
कम जोखिम होता है :-
लॉन्ग टर्म निवेश आमतौर पर कम जोखिम वाला होता है क्योंकि आपके पास बाजार में उतार-चढ़ावों के लिए अधिक समय होता है।
कर लाभ भी मिलता है :-
दोस्तों हमारे देश भारत में, लॉन्ग टर्म निवेश पर पूंजीगत लाभ कर से छूट मिलती है। इससे आपको सरकार को कर भी कम देना पड़ता है ।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने के नुकसान
लिक्विडिटी का नुकसान:- शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को तुरंत बेचना मुश्किल हो सकता है, खासकर यदि बाजार में गिरावट हो रही है, उस टाइम पर हमसे इस वजह से हमें नुकसान होने का खतरा बना रहता है ।
जोखिम बना रहता है: दोस्तो कोई भी निवेश रिस्क के बिना नहीं आता है लॉन्ग टर्म निवेश भी मार्केट में उतार-चढ़ावों से प्रभावित हो जाता हैं इसलिए शेयर मार्केट में सदा जोखिम बना ही रहता है
शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदे
जैसा कि हमने ऊपर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के फायदे के बारे में जाना इस प्रकार जो टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए कुछ फायदे और नुकसान है जो कि हम यहां बताने वाले हैं ।
लिक्विडिटी का फायदा :-
दोस्तों हमें शेयर मार्केट शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के अंदर लिक्विडिटी का फायदा मिलता है यहां पर हम अपने द्वारा खरीदे गए शेर को तुरंत भेज सकते हैं तथा शेयर बाजार की स्थिति के अनुसार अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं ।
कम जोखिम: शॉर्ट टर्म निवेश आमतौर पर लॉन्ग टर्म निवेश की तुलना में कम जोखिम वाला होता है क्योंकि आप बाजार में लंबे समय तक नहीं रहते हैं।
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के नुकसान
कम रिटर्न: शॉर्ट टर्म निवेश आमतौर पर लॉन्ग टर्म निवेश की तुलना में कम रिटर्न देता है।
कर लाभ: भारत में, शॉर्ट टर्म निवेश पर पूंजीगत लाभ कर के अधीन है।
लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए सही विकल्प कैसे चुनें
लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए सही विकल्प चुनना आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है। यदि आप लंबी अवधि में पैसा बनाने के लिए निवेश कर रहे हैं, तो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट एक अच्छा विकल्प है। यदि आप जल्दी से पैसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट एक अच्छा विकल्प है।
तो दोस्तों हमारे द्वारा यहां पर आपको शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के बारे में विस्तार से जानकारी दी है तथा दोनों के फायदे और नुकसान के बारे में भी आपको बताया है दोस्तों अब आपको तय करना है कि आपको किस प्रकार के शेर को खरीदना है तथा किस प्रकार के शेयर में इन्वेस्टमेंट करना है ।
Conclusion
दोस्तों आशा करते हैं आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी यदि हमारे द्वारा दी गई जानकारी में आपको कोई भी कमी या कोई भी गलती नजर आती है तो कृपया आपसे अनुरोध है कि आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर अवगत करें ताकि हम जल्द से जल्द सुधार कर सके ।
कंपनी के शेयर खरीदने से पूर्व किस कंपनी के पिछले कुछ दिनों कुछ महीने और कुछ सालों का शेयर अनुमान जरूर देख ले और अपने रिसर्च के बाद ही शेयर खरीदे ।